Jio ने नही रतन टाटा ने लाई थी क्रांति, जाने टेलिकॉम का सबसे बड़ा बदलाव Ratan Tata in Telecom

Ratan Tata in Telecom: रतन टाटा जिन्होंने 9 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली को टाटा ग्रुप के विस्तार और उनके असाधारण योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। रतन टाटा का भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में योगदान भी उल्लेखनीय रहा है। बहुत से लोग मानते हैं कि मुकेश अंबानी की जियो ने देश के टेलीकॉम मार्केट को बदल दिया, लेकिन सच्चाई यह है कि रतन टाटा ने 2008 में ही इस बदलाव की शुरुआत कर दी थी।

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Jio ने नही रतन टाटा ने लाई थी क्रांति, जाने टेलिकॉम का सबसे बड़ा बदलाव Ratan Tata in Telecom

रतन टाटा ने टाटा ग्रुप के विभिन्न क्षेत्रों में अपने नेतृत्व से क्रांति लाई और टाटा टेलीसर्विसेज इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस कंपनी ने जापान की प्रसिद्ध टेलीकॉम कंपनी डोकोमो के साथ साझेदारी कर भारतीय मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए कॉलिंग को बेहद सस्ता कर दिया था। उस समय मोबाइल कॉल और इंटरनेट सेवाएं महंगी मानी जाती थीं लेकिन टाटा डोकोमो ने इस सोच को बदलते हुए किफायती सेवाएं प्रदान कीं।

रतन टाटा का विजन था कि देश का हर नागरिक डिजिटल रूप से सशक्त हो। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सिर्फ कॉलिंग ही नहीं बल्कि इंटरनेट सेवाएं भी आम आदमी की पहुंच में आएं। उन्होंने मोबाइल सेवाओं को किफायती बना कर भारत में डिजिटल युग की नींव रखी। जिस बदलाव की शुरुआत उन्होंने की थी उसे जियो ने आगे बढ़ाया और टेलीकॉम सेक्टर को पूरी तरह से बदल दिया।

रतन टाटा का योगदान सिर्फ बिजनेस तक सीमित नहीं था बल्कि वह एक प्रेरणास्रोत भी थे जिन्होंने अपने नैतिक मूल्यों और जनसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से सभी का दिल जीता। टाटा डोकोमो के साथ उनका यह प्रयास भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में एक मील का पत्थर साबित हुआ जिसने भविष्य में आने वाले बड़े बदलावों का रास्ता तैयार किया।

आज जब हम सस्ते डेटा और मुफ्त कॉलिंग का आनंद लेते हैं तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इसकी नींव रतन टाटा ने ही रखी थी।

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