BSNL SIM Port: बीएसएनएल और जियो के बीच हाल ही में हुए विवाद के बीच यह दावा किया जा रहा है कि अगर बीएसएनएल यूजर्स को बेहतर 4G सेवाओं की जरूरत है तो उनके पास जियो नेटवर्क पर वापस लौटने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचेगा। यह स्थिति तब बनी है जब जियो पहले से ही देशभर में 4G और 5G सेवाएं उपलब्ध करा रहा है जबकि बीएसएनएल अभी भी 3G सेवाएं ही प्रदान कर रहा है और धीरे-धीरे अपने 4G नेटवर्क का विस्तार कर रहा है।
इस साल जुलाई में रिलायंस जियो ने अपने रिचार्ज प्लान्स की कीमतों में बढ़ोतरी की जिसके बाद इसे सोशल मीडिया पर भारी विरोध का सामना करना पड़ा। कई यूजर्स ने जियो के बायकॉट का समर्थन किया और इस अभियान को ट्रेंड भी किया। हालांकि जियो ने इस विरोध को गंभीरता से नहीं लिया और अपने कारोबार पर इसके प्रभाव को नजरअंदाज किया। आंकड़े बताते हैं कि विरोध के बावजूद जियो की आय में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है और कंपनी ने अपनी रिकॉर्ड कमाई जारी रखी है।
हालांकि जियो ने अपने घटते हुए यूजर्स पर ध्यान दिया है और इस चिंता को लेकर अब बीएसएनएल के यूजर्स को वापस लाने की रणनीति बना रहा है। जियो के एक अधिकारी का दावा है कि बीएसएनएल यूजर्स के पास अन्य कोई विकल्प नहीं होने के कारण वे वापस जियो नेटवर्क का रुख करेंगे। यह भी कहा गया है कि कंपनी एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) में आई वृद्धि को लेकर संतुष्ट है। सितंबर तिमाही में जियो ने ARPU में 7.3% की बढ़ोतरी देखी जिससे यह आंकड़ा 195 रुपये पर पहुंच गया है। हालांक यूजर बेस में कमी ने कंपनी को थोड़ा नुकसान भी पहुंचाया है क्योंकि जियो ने लगभग 10.9 मिलियन यूजर्स खो दिए हैं।
दूसरी ओर बीएसएनएल ने लंबे समय बाद अपने यूजर्स की संख्या में वृद्धि देखी है। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि बीएसएनएल ने अभी तक अपने टैरिफ में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। तीन सालों में पहली बार जियो को इतनी बड़ी संख्या में यूजर्स खोने पड़े हैं जिससे उसकी चिंता बढ़ना स्वाभाविक है।
बीएसएनएल के 4G नेटवर्क को पूरे देश में तेजी से रोलआउट किया जा रहा है और कंपनी 5G पर भी काम कर रही है लेकिन जियो का दावा है कि बीएसएनएल के पास अभी तक पूरी तरह 4G सेवाएं नहीं हैं। ऐसे में अगर यूजर्स को 4G सेवाएं चाहिए तो उन्हें जियो नेटवर्क पर लौटना ही पड़ेगा। जियो के मुताबिक कई बीएसएनएल यूजर्स पहले ही जियो नेटवर्क पर वापस आ चुके हैं हालांकि नए नेटवर्क में पोर्टिंग करने के बाद 90 दिन का लॉक-इन पीरियड भी होता है।
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